
नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया और बड़ी ही मजबुती के साथ भारत का पक्ष रखा और इसी मंच से उन्होंने उन देशों को भी बिना नाम लिए नसीहत दे डाली जो गाहे बगाहे भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा चलाते हैं। दरअसल विदेश मंत्री एस. जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा की 78वीं वार्षिक सभा को संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा कि वो दिन दूर हो गए जब दूसरे देश एजेंडा तय करते थे। उन्होंने कहा कि पुराने दिन खत्म हो गए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से उम्मीद जताई है कि जो देश अबतक एजेंडा तय करते थे, वो अब आने वाले समय में साथ आ जाएंगे। विदेश मंत्री ने UNSC में बदलावों की भारत को मांग को फिर से दोहराया।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि कूटनीति और बातचीत से ही दो देशों के बीच के तनाव को कम किया जा सकता है। उन्होंने भारत की अध्यक्षता में हुए G-20 शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत का एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का दृष्टिकोण केवल कुछ लोगों के हितों पर नहीं बल्कि कई लोगों के हितों की बात करता है।

सुंयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोरोना और कोरोना वैक्सिन के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि हमें वैक्सीन को लेकर किए गए भेदभाव को फिर से दोहराने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। साथ ही उन्होंने इस ओर भी इशारा किया कि भारत ने वैक्सिन की दौड़ में अग्रणी भूमिका निभाई और आगे बढ़ कर दुनिया की मदद की है।
विदेश मंत्री ने कनाडा का बिना नाम लिए उसे भी नसीहत दे डाली और जम कर लताड़ा। कनाडा के साथ चल रही राजनीतिक उठा पटक को लेकर उन्होंने कहा कि राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देना गलत है। सियासी फायदे के लिए चरमपंथ और आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।