
पटना: दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती विख्यात लोकगायिका शारदा सिन्हा का सोमवार को निधन हो गया। 72 वर्षीय शारदा सिन्हा ने मंगलवार को अंतिम सांस ली। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबियत खराब थी, जिसके चलते उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। रविवार को उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में शिफ्ट किया गया, लेकिन उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और अंततः वे मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन से पीड़ित हो गईं। उनके निधन की खबर ने पूरे बिहार और झारखंड के साथ-साथ देशभर में उनके प्रशंसकों को शोक में डुबो दिया है।
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से उनकी मृत्यु की जानकारी दी। शारदा सिन्हा को 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। खासकर उनके छठ पर्व पर गाए गीत ‘हो दीनानाथ’ ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया था। बिहार में उन्हें ‘बिहार कोकिला’ के नाम से जाना जाता था, और उनके योगदान के लिए उन्हें भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिला विभूति जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया था।
बिहार के सुपौल जिले के एक छोटे से गांव हुलसा में जन्मी शारदा सिन्हा ने अपने करियर में भोजपुरी, मगही और मैथिली में कई लोकगीत गाए। विशेषकर विवाह और छठ पर्व के गीतों ने उन्हें विशेष पहचान दिलाई। छठ महापर्व से जुड़े उनके गीत आज भी लाखों लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा से फोन पर बात कर उनकी मां की तबियत के बारे में जानकारी ली थी। पीएम मोदी ने अंशुमान सिन्हा को आश्वासन दिया था कि उनकी मां के इलाज में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी और सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी। उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स (Twitter) के माध्यम से शोक व्यक्त किया है।
छठ पूजा के नहाय-खाय के दिन उनके निधन की खबर ने इस पर्व के श्रद्धालुओं के बीच शोक की लहर पैदा कर दी है।