Bihar Voter List Row: बिहार वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर उठे विवाद पर चुनाव आयोग आज पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार विपक्ष के आरोपों पर सिलसिलेवार जवाब देंगे।
नई दिल्ली: बिहार में चल रहे वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच आज चुनाव आयोग मीडिया के सामने आएगा। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कई मायनों में अहम मानी जा रही है, क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव समेत विपक्ष लगातार आयोग पर वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के लिए भी खास है। 18 फरवरी 2025 को पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली औपचारिक प्रेस वार्ता होगी। सूत्रों के अनुसार, सीईसी आयोग पर लगाए जा रहे हर एक आरोप का तथ्यात्मक और सिलसिलेवार जवाब देंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस का एजेंडा
चुनाव आयोग का मकसद विपक्ष के आरोपों पर पारदर्शी ढंग से अपनी स्थिति स्पष्ट करना है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित मुद्दे शामिल होंगे:
- बिहार में 65 लाख नाम हटाए जाने को लेकर उठे सवाल।
- वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए जन्म प्रमाणपत्र की अनिवार्यता और इसमें आधार को क्यों नहीं स्वीकारा गया।
- यह आश्वासन कि किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम केवल दस्तावेज़ी कारणों से सूची से नहीं हटेगा।
- यदि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट (1 अगस्त को प्रकाशित) में कोई त्रुटि सामने आई है तो 1 सितंबर तक सुधार की पर्याप्त अवधि उपलब्ध है।
राजनीतिक दलों की चुप्पी पर सवाल
आयोग का कहना है कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के बाद से अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने औपचारिक आपत्ति या दावा पेश नहीं किया है। आयोग के सूत्रों का तर्क है कि इतनी बड़ी एक्सरसाइज (करीब आठ करोड़ वोटरों को शामिल करने वाली) में कुछ कमियां आना स्वाभाविक है, लेकिन विपक्ष ने जनता के बीच शोर मचाने के बावजूद आधिकारिक स्तर पर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई।
राहुल गांधी के आरोपों पर भी जवाब
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्नाटक और बिहार में वोट चोरी के आरोप लगाए थे। आयोग इस मुद्दे पर भी जवाब देने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग राहुल गांधी से सबूत पेश करने को कहेगा और यह स्पष्ट करेगा कि अब तक इस तरह के किसी भी आरोप का ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है।
सुप्रीम कोर्ट का हवाला
वोटर लिस्ट और दस्तावेजों को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। आयोग ने वहां भी अपना पक्ष रखा था। अब वही स्थिति जनता और मीडिया के सामने प्रस्तुत की जाएगी ताकि भ्रम की स्थिति न रहे। गौरतलब है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय हो रही है जब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार के सासाराम से ‘वोट अधिकार यात्रा’ की शुरुआत हो चुकी है। माना जा रहा है कि आयोग विपक्ष के हर सवाल का ठोस जवाब देकर मतदाताओं का भरोसा बनाए रखने का प्रयास करेगा।