Chhath Puja 2025: छठ पूजा 2025 का समापन मंगलवार सुबह उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ हुआ। व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला उपवास तोड़ा।
नई दिल्ली: देशभर में लोक आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा का आज मंगलवार को श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ समापन हुआ। भोर की पहली किरणों के साथ व्रतधारियों ने नदी, तालाब और पोखरों के तटों पर खड़े होकर उदयाचलगामी भगवान सूर्य को दूध, जल और मौसमी फलों से अर्घ्य अर्पित किया। इस पवित्र क्षण के साथ ही व्रतियों ने 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास तोड़कर तप का समापन किया।
कठिन तप का समापन
सूर्य अर्घ्य के बाद व्रतियों ने परंपरा के अनुसार घी मिश्रित चाय का सेवन किया, जो इस तपस्या के समापन का प्रतीक माना जाता है। छठ व्रत भारतीय लोक परंपरा में सबसे कठोर और शुद्ध व्रतों में से एक है, जिसमें शुद्धता, संयम और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। व्रति 36 घंटे तक बिना जल और अन्न ग्रहण किए उपवास रखती हैं और अंत में अन्न ग्रहण करके व्रत पूर्ण करती हैं।
चार दिवसीय अनुष्ठान की यात्रा
छठ पर्व की शुरुआत पहले दिन नहाय-खाय से होती है। इस दिन व्रतधारी स्नान कर सात्विक भोजन के रूप में दाल, चावल और कद्दू की सब्जी ग्रहण करते हैं। दूसरे दिन खरना का आयोजन किया जाता है, जिसमें साठी चावल की खीर, रोटी और केले का प्रसाद बनाया जाता है। व्रति इसे ग्रहण करने के बाद अपने परिवार और पड़ोसियों में वितरित करती हैं। खरना के बाद से ही 36 घंटे का निर्जला उपवास आरंभ होता है। तीसरे दिन षष्ठी तिथि को व्रतधारी अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित करते हैं, जबकि चौथे दिन सप्तमी को भोर के समय उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर यह अनुष्ठान संपन्न होता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कार्तिक शुक्ल पक्ष में मनाया जाने वाला यह पर्व शारदीय छठ कहलाता है और यह जीवन शक्ति, स्वास्थ्य तथा समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सूर्योपासना के इस पर्व में व्रतधारी मौसमी फलों, ठेकुओं और कलसूप में रखे प्रसाद को जल में खड़े होकर अर्पित करते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालु कोशी भराई की रस्म निभाते हैं, जिसमें मिट्टी के हाथी के चारों ओर दीप जलाकर गन्ना स्थापित किया जाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर उल्लास
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई से लेकर नेपाल तक छठ पूजा का उत्सव भव्य रूप से मनाया गया। घाटों पर पारंपरिक गीतों, ढोल-मंजीरों और लोक संगीत की गूंज ने वातावरण को आस्थामय बना दिया। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर देशवासियों को छठ पूजा की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “भगवान सूर्यदेव को प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ आज महापर्व छठ का शुभ समापन हुआ। इस चार दिवसीय अनुष्ठान के दौरान छठ पूजा की हमारी भव्य परंपरा के दिव्य दर्शन हुए। छठी मइया की असीम कृपा से आप सभी का जीवन सदैव आलोकित रहे।”
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