Delhi Pollution Crackdown: दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण पर बड़ा फैसला लिया है। BS-6 से कम मानक वाली गाड़ियों की एंट्री बैन होगी और बिना वैध PUC वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। NCR के लाखों वाहन होंगे प्रभावित।
नई दिल्ली: दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने एक बार फिर सरकार और आम जनता दोनों की चिंता बढ़ा दी है। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने सख्त कदम उठाने का ऐलान किया है। सरकार के नए फैसले के तहत अब राजधानी में BS-6 से कम मानक वाली गाड़ियों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ही जिन वाहनों के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUC) नहीं होगा, उन्हें पेट्रोल पंपों से ईंधन भी नहीं दिया जाएगा।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरुवार, 18 दिसंबर से दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड और BS-6 से कम कैटेगरी की गाड़ियों को राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। खास तौर पर जब ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-3 और स्टेज-4 लागू होंगे, तब इन नियमों को और अधिक सख्ती से लागू किया जाएगा।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस फैसले का मुख्य उद्देश्य लोगों की सेहत की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए बिना वैध PUC वाले किसी भी वाहन को पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा। इससे न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों की संख्या में भी कमी आएगी।
सरकार का दावा है कि मौजूदा वर्ष में दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले साल की तुलना में करीब आठ महीने बेहतर रही है। हालांकि हाल के दिनों में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ा है, लेकिन स्थिति को संभालने के लिए सरकार किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि समय रहते सख्त कदम उठाना जरूरी है, ताकि हालात और न बिगड़ें।
एनसीआर के लोगों की बढ़ेंगी मुश्किलें
दिल्ली सरकार के इस फैसले का असर केवल राजधानी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के लाखों वाहन चालकों पर भी पड़ेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम में लगभग 2 लाख निजी वाहन ऐसे हैं जो BS-6 मानकों पर खरे नहीं उतरते। इनमें बड़ी संख्या BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों की है। इसके अलावा कई कमर्शियल वाहन और बसें भी इस श्रेणी में आती हैं, जिन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा।
नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति
नोएडा में हालात और भी गंभीर हैं। यहां रजिस्टर्ड लगभग 10 लाख वाहनों में से 4 लाख से ज्यादा गाड़ियां BS-III और BS-IV कैटेगरी की हैं। ऐसे वाहनों के लिए दिल्ली में प्रवेश पूरी तरह बंद हो जाएगा। वहीं गाजियाबाद में भी करीब 5.5 लाख वाहन ऐसे हैं जो BS-6 मानकों को पूरा नहीं करते और नए प्रतिबंधों की जद में आएंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भले ही आम लोगों के लिए असुविधाजनक हो, लेकिन लंबे समय में इससे दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता में सुधार आ सकता है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें, समय पर PUC बनवाएं और जहां संभव हो सार्वजनिक परिवहन या स्वच्छ विकल्पों का इस्तेमाल करें, ताकि प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।
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