एनआईए की विशेष अदातल ने बिलाल नासिर मल्ला की एनआईए हिरासत बढ़ाई, शोएब न्यायिक हिरासत में भेजा गया

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NIA Court Order in Terror Case: आतंकवाद से जुड़े मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने अहम आदेश दिया है। बिलाल नासिर मल्ला की हिरासत बढ़ाई गई, जबकि सह-आरोपी शोएब को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

नई दिल्ली: आतंकवाद से जुड़े एक अहम मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी बिलाल नासिर मल्ला की एनआईए हिरासत की अवधि बढ़ाने का आदेश दिया है, जबकि सह-आरोपी शोएब को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दोनों आरोपियों को उनकी पिछली रिमांड अवधि पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया गया था, जिसके बाद यह आदेश पारित किया गया।

एनआईए ने अदालत को बताया कि बिलाल नासिर मल्ला से हिरासत में पूछताछ अभी भी आवश्यक है, क्योंकि जांच के कई महत्वपूर्ण पहलू सामने आना बाकी हैं। एजेंसी के अनुसार, मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक व्यापक नेटवर्क की आशंका है, जिसकी कड़ियां जोड़ने के लिए मल्ला से और पूछताछ जरूरी है। अदालत ने जांच की गंभीरता को देखते हुए एनआईए की दलील को स्वीकार कर लिया और उसकी हिरासत अवधि बढ़ा दी।

वहीं दूसरी ओर, अदालत ने शोएब को न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्णय लिया। इसका अर्थ है कि शोएब अब जेल में रहेगा और फिलहाल उससे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं समझी गई है। हालांकि, जरूरत पड़ने पर जांच एजेंसी अदालत से अनुमति लेकर उससे पूछताछ कर सकती है। कानूनी जानकारों के मुताबिक, ऐसे फैसले यह दर्शाते हैं कि अदालत हर आरोपी की भूमिका और जांच की स्थिति के आधार पर अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाती है।

मामला कथित तौर पर आतंक से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित है, जिसमें संदिग्ध भर्ती, फंडिंग और लॉजिस्टिक सहायता जैसे पहलुओं की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, एनआईए डिजिटल साक्ष्यों, वित्तीय लेनदेन और संभावित चरमपंथी संपर्कों की गहन जांच कर रही है। जांच एजेंसी इस केस में अन्य संदिग्धों और गवाहों से भी पूछताछ कर रही है, हालांकि जांच की संवेदनशीलता के चलते सभी जानकारियां सार्वजनिक नहीं की गई हैं।

सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया कि आरोपी जांच में सहयोग कर रहे हैं और लगातार हिरासत में पूछताछ उचित नहीं है। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि आगे की रिमांड के बजाय न्यायिक हिरासत पर विचार किया जाए। वहीं अभियोजन पक्ष ने कहा कि मल्ला की हिरासत बढ़ाना जरूरी है, ताकि उसे सबूतों से आमना-सामना कराया जा सके और जांच में नए सुराग मिल सकें।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एनआईए अदालत ने दोनों आरोपियों के लिए अलग-अलग आदेश पारित किए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि हिरासत के दौरान सभी कानूनी प्रक्रियाओं और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाए।

यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर एजेंसियों की निगरानी और कार्रवाई तेज हो गई है। एनआईए ने स्पष्ट किया है कि पूरी जांच कानून के दायरे में रहकर की जा रही है। अब इस मामले की अगली सुनवाई बढ़ाई गई हिरासत अवधि पूरी होने के बाद होगी। जांच आगे बढ़ने के साथ आने वाले दिनों में और खुलासे, नई गिरफ्तारियां या अतिरिक्त आरोप सामने आने की संभावना जताई जा रही है।

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