
वॉशिंगटन: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के समर्थकों ने अब ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) प्रोग्राम को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ओपीटी प्रोग्राम अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका में अस्थायी रूप से काम करने का अवसर देता है और यह भारतीय छात्रों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है।
ओपीटी प्रोग्राम क्या है?
ओपीटी प्रोग्राम अमेरिकी विश्वविद्यालयों से पढ़ाई पूरी करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को उनकी पढ़ाई से संबंधित क्षेत्र में एक वर्ष (एसटीईएम छात्रों के लिए तीन वर्ष तक) तक काम करने की अनुमति देता है। यह प्रोग्राम छात्रों को अमेरिकी कार्य संस्कृति का अनुभव लेने और करियर की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर देता है।
भारतीय छात्रों पर संभावित प्रभाव
ओपीटी प्रोग्राम के तहत सबसे ज्यादा लाभार्थी भारत से हैं। इस प्रोग्राम के माध्यम से भारतीय छात्र अमेरिकी कंपनियों में अनुभव हासिल करते हैं और अपनी प्रोफेशनल क्षमताओं को निखारते हैं। ट्रंप समर्थकों की आलोचना के कारण इस प्रोग्राम पर प्रतिबंध या बदलाव भारतीय छात्रों की आकांक्षाओं को गहरा झटका दे सकता है।
ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति और ओपीटी पर हमले
चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप ने ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ और ‘अमेरिका फर्स्ट’ जैसे नारों पर जोर दिया। उनकी नीतियां विदेशी कामगारों की संख्या कम करने और स्थानीय अमेरिकियों को रोजगार के अधिक अवसर देने पर केंद्रित रही हैं। ट्रंप समर्थक ओपीटी प्रोग्राम को अमेरिकी छात्रों और पेशेवरों के लिए एक संभावित खतरे के रूप में देख रहे हैं।
ट्रंप समर्थकों का कहना है कि ओपीटी प्रोग्राम अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिकी कंपनियों में कम वेतन पर काम करने का मौका देता है, जिससे स्थानीय कामगारों के लिए रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं। उनका तर्क है कि यह प्रोग्राम अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी नौकरियों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
शिक्षा और उद्योग क्षेत्र में चिंता
शिक्षा विशेषज्ञ और अमेरिकी विश्वविद्यालय ओपीटी पर किसी भी प्रकार के प्रतिबंध के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि यह प्रोग्राम न केवल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को लाभ पहुंचाता है बल्कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था और तकनीकी क्षेत्र को भी सशक्त बनाता है। टेक इंडस्ट्री और अन्य व्यवसायों ने भी ओपीटी प्रोग्राम का समर्थन किया है, यह कहते हुए कि इससे योग्य और कुशल टैलेंट को काम पर रखने में मदद मिलती है।
डोनाल्ड ट्रंप की सरकार बनने के बाद यह देखना होगा कि उनकी नीतियां ओपीटी प्रोग्राम को किस प्रकार प्रभावित करती हैं। भारतीय छात्रों और अमेरिकी विश्वविद्यालयों को इस दिशा में बड़ी अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों और भारतीय समुदाय ने ओपीटी प्रोग्राम को बचाने के लिए अभियान चलाने की योजना बनाई है। वहीं, ट्रंप प्रशासन से इस पर स्पष्ट नीति की उम्मीद की जा रही है। ओपीटी प्रोग्राम का भविष्य अनिश्चित है, लेकिन यह निश्चित है कि इसके संभावित बदलाव भारतीय छात्रों और अमेरिकी शिक्षा प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।