
नई दिल्ली: दिल्ली की महिला सम्मान योजना विवादों के घेरे में आ गई है। इस योजना की घोषणा आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा की गई थी, जिसमें दावा किया गया कि यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और सम्मान को बढ़ाने के लिए शुरू की गई है। हालांकि, यह योजना अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और प्रशासनिक विवादों का केंद्र बन गई है।
क्या है महिला सम्मान योजना?
महिला सम्मान योजना के तहत आम आदमी पार्टी ने वादा किया है कि 18 साल और उससे अधिक उम्र की पात्र महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यदि 2025 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को दोबारा सत्ता में आने का मौका मिलता है, तो यह राशि बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति माह कर दी जाएगी। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करना बताया गया है।
विपक्ष का रुख
योजना की घोषणा के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे एक “चुनावी स्टंट” करार दिया। विपक्षी दलों का कहना है कि यह योजना केवल वोट बटोरने के लिए पेश की गई है, जबकि इसके वित्तीय स्रोत और क्रियान्वयन प्रक्रिया को लेकर स्पष्टता नहीं है। भाजपा के नेताओं ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास पहले से ही कई अधूरी योजनाएं और कर्ज का बोझ है, ऐसे में इस नई योजना को लागू करना असंभव है।
दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच टकराव
इस योजना को लेकर विवाद तब और गहराया जब दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक सार्वजनिक विज्ञापन जारी कर कहा कि दिल्ली सरकार ऐसी कोई योजना संचालित नहीं कर रही है। अधिकारियों का यह कदम अप्रत्याशित था और इसने योजना की वैधता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
गर्वनर वीके सक्सेना ने दिए जांच के आदेश
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने इस बात की जांच करने को कहा है कि क्या इस योजना का वास्तविक अस्तित्व है और अगर है तो इसके लिए फंड कहां से आएगा। साथ ही, इस बात पर भी गौर किया जाएगा कि योजना की घोषणा करने से पहले उचित प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था या नहीं।
आम आदमी पार्टी का बचाव
आम आदमी पार्टी ने इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि महिला सम्मान योजना पार्टी का वादा है, जो दिल्ली की महिलाओं को समर्पित है। उन्होंने कहा, “यह योजना महिलाओं को सम्मान और आत्मनिर्भरता देने का एक प्रयास है। विपक्षी दल और प्रशासनिक अफसर केवल राजनीतिक लाभ के लिए इसे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
योजना पर आम जनता की राय
दिल्ली की आम जनता में इस योजना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां कुछ महिलाएं इसे सकारात्मक कदम मान रही हैं, वहीं कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह योजना वास्तव में लागू होगी या केवल चुनावी घोषणा बनकर रह जाएगी।
चुनावी गणित में योजना की भूमिका
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिला सम्मान योजना आगामी 2025 के विधानसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकती है। अगर यह योजना लागू होती है, तो यह महिलाओं के वोट बैंक को प्रभावित कर सकती है। लेकिन अब महिला सम्मान योजना फिलहाल विवादों और आरोपों के बीच है। जांच के नतीजे और 2025 के विधानसभा चुनावों के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह योजना महिलाओं के जीवन में बदलाव ला पाएगी या केवल एक चुनावी वादा बनकर रह जाएगी।