
मुंबई: अमेरिका की बड़ी फाइनेंस कंपनी जेपी मॉर्गन के एक फैसले से ड्रैगन की नींद हराम हो गई है और इसी बहाने भारत को एक बड़ा जैकपॉट हाथ लग सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक जेपीमॉर्गन भारत के सरकारी बांड्स को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल होने का फैसला किया है। मॉर्गन के इस फैसले से आने वाले समय में सरकारी बांड्स को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल किया जाएगा तो इससे करीब 10 फीसदी वेटेज मिलेगा।
ऐसा होने से सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि भारत के लोन मार्केट में 30 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है। आपको बता दें कि इमर्जिंग मार्केट में भारत का बांड बाजार का मार्केट कैप 1.2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, जो अपने आप में एक बड़ा बाजार है। इस मामले में भारत का बाजार इंडोनेशिया से 3 गुना बड़ा और ब्राजील के बाजार के बराबर है।
अब सवाल ये उठता है कि इसका फायदा भारत को कैसे मिल सकता है। दरअसल रुस इमर्जिंग लिस्ट से बाहर और चीन की अर्थव्यवस्था का हाल खास्ता है। ऐसे में भारत का रुपया स्थिर रहने में मदद मिल सकती है। दूसरा कारण ये भी है कि कोरोना के दौरान भारत का राजकोषीय़ घाटा बढ़ गया है तो वहीं अगर ऐसे में भारत में निवेश होता है तो राजकोषीय घाटा कम हो जाएगा और रुपये में स्थिरता बनी रहेगी।