
नई दिल्ली। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav) ने यूपी की योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने महाकुंभ हादसे को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए और कहा कि “साजिश को छिपाना अपराध है।” अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने महाकुंभ में हुई मौतों के आंकड़े छिपाए। उन्होंने संसद में कहा, “सरकार बताए कि उसने आंकड़े क्यों दबाए? महाकुंभ में मरने वाले श्रद्धालुओं के सही आंकड़े सामने लाए जाएं।” उन्होंने मांग की कि आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
“सरकार ने सनातन परंपरा तोड़ी”
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने अपने मनमाने तरीके से शाही स्नान का आदेश दिया और “सनातन परंपरा को तोड़ दिया।” उन्होंने आरोप लगाया कि श्रद्धालु पुण्य कमाने आए थे, लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण उन्हें अपने अपनों के शव लेकर जाना पड़ा।
“हेलीकॉप्टर से फूल बरसाना कहां की परंपरा?”
सपा प्रमुख ने कहा कि सरकार ने हादसे की खबर छिपाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “जब लोगों की मौत हुई तो सरकार ने हेलीकॉप्टर में भर-भरकर फूल बरसाने शुरू कर दिए। जहां लाशें पड़ी थीं, चप्पलें और साड़ियां बिखरी थीं, वहां सरकार दिखावा कर रही थी।”
“मीडिया पर दबाव डाला गया”
अखिलेश यादव ने यह भी आरोप लगाया कि “सरकार ने मीडिया पर दबाव बनाया ताकि खबरें बाहर न जाएं।” उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर शोक तक प्रकट नहीं किया।
“वाराणसी में क्यों नहीं बनी मेट्रो?”
सपा प्रमुख ने वाराणसी के विकास कार्यों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “दिल्ली में मेट्रो का विस्तार हो रहा है, लेकिन वाराणसी को क्योटो बनाने का सपना दिखाने वाली सरकार अभी तक वहां मेट्रो तक नहीं चला पाई है।” अखिलेश यादव ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “पिछले दस साल में एक भी राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल नहीं खोला गया।” उन्होंने यूपी में समाजवादी सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया और कहा कि “यूपी में जितनी भी मेट्रो चल रही हैं, वह समाजवादी सरकार की देन हैं।”
संसद में अखिलेश यादव के इन तीखे सवालों पर सत्ता पक्ष की ओर से कोई सीधा जवाब नहीं आया, लेकिन इस मुद्दे पर राजनीति गर्मा गई है।