Delhi Blast Case: दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की AIU सदस्यता निलंबित कर दी गई है। केंद्र सरकार ने संस्थान के रिकॉर्ड का फॉरेंसिक ऑडिट और ईडी जांच के आदेश दिए हैं। तीन डॉक्टर हिरासत में, जांच तेज।
नई दिल्ली/फरीदाबाद: दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके के बाद जांच के दायरे में आई अल फलाह यूनिवर्सिटी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ (AIU) ने इस विश्वविद्यालय की सदस्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है। AIU की महासचिव पंकज मित्तल ने बयान जारी करते हुए कहा कि संगठन के उपनियमों के अनुसार, विश्वविद्यालयों की सदस्यता तभी तक जारी रहती है जब तक वे निर्धारित मानकों और प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।
उन्होंने बताया कि अल फलाह यूनिवर्सिटी द्वारा इन मानकों का अनुपालन न किए जाने के कारण यह कार्रवाई की गई है। मित्तल के अनुसार, सदस्यता निलंबित होते ही अल फलाह यूनिवर्सिटी अब AIU के नाम, लोगो या किसी भी आधिकारिक प्रतीक का उपयोग नहीं कर सकेगी। साथ ही, संस्थान की वेबसाइट सहित सभी आधिकारिक प्लेटफॉर्म से AIU लोगो हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
आतंकी मॉड्यूल के आरोपों के बाद बढ़ी कार्रवाई
फरीदाबाद के धौज गांव स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी हाल ही में सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद जांच एजेंसियों के रडार पर आई थी। दिल्ली धमाके में जिस कार का इस्तेमाल हुआ, उसे चलाने वाला डॉक्टर उमर नबी इसी यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफ़ेसर था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। यह एक निजी विश्वविद्यालय है, जिसके परिसर में एक मेडिकल अस्पताल भी संचालित होता है।
केंद्र सरकार ने कराया फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश
लाल किले के पास हुए धमाके के बाद केंद्र सरकार ने यूनिवर्सिटी के सभी रिकॉर्ड का विस्तृत फॉरेंसिक ऑडिट कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य आर्थिक जांच एजेंसियों को संस्थान के धन-संबंधी लेन-देन की गहन जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक में दिल्ली धमाके से जुड़े केस की प्रगति और संभावित आतंकी लिंक की समीक्षा की गई।
डॉक्टर उमर नबी के खिलाफ बढ़ा घेरा
हरियाणा नंबर की कार में हुए विस्फोट के बाद जांच में सामने आया कि घटना के वक्त कार डॉक्टर उमर नबी चला रहा था। प्रारंभिक जांच में उसके कई संदिग्ध संपर्क और गतिविधियाँ सामने आई हैं, जिसके बाद एजेंसियाँ पूरी यूनिवर्सिटी और उसके स्टाफ के कामकाज की भी गहराई से जांच कर रही हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि वित्तीय लेन-देन और अकादमिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ियों की संभावनाओं को देखते हुए संस्थान के पूरे प्रशासनिक ढांचे की भी जाँच आवश्यक है।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल AIU सदस्यता निलंबन, फॉरेंसिक ऑडिट, ईडी जांच और हिरासत में लिए गए स्टाफ की पूछताछ के बाद आने वाली रिपोर्टों के आधार पर विश्वविद्यालय के भविष्य और संभावित कानूनी कार्यवाही पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।
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