
नई दिल्ली: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 2 सितंबर को लॉन्च हुआ आदित्य एल 1 बहुत तेजी से सूर्य की तरफ लगातार बढ़ता जा रहा है। करीब 125 दिन यानी 4 महीने के सफर के बाद इसे सूर्य और पृथ्वी के अक्ष में स्थित एल-1 प्वाइंट पर स्थापित कर दिया जाएगा। इस समय सैटेलाइट अपनी दूसरी छलांग के दौरान 282 किमी घेरे में 40,225 किमी की दूरी पर स्थित कक्षा में पहुंच चुका है। इससे पहले 4 सितंबर को इसे 245 किमी से घेरे से 22459 किमी दूर कक्षा में स्थापित किया गया था। इसरो (ISRO) इसको लेकर पल-पल की जानकारी दे रहा है।
अब से 5 दिन बाद यानी 10 सितंबर को करीब ढ़ाई बजे के आसपास इसकी तीसरी छलांग लगवाई जाएगी ताकि ये आगे वाली कक्षा में जाकर स्थापित हो जाए। अंतिम चरण में आदित्य एल 1 को लैग्रेंज प्वाइंट पर स्थापित किया जाएगा, जो धरती से करीब 15 लाख किमी दूर स्थित है।
आपको बता दें कि आदित्य एल 1 मिशन में कुल 7 पेलोड लगे हुए हैं, जिनमें से 4 पेलोड सूर्य से निकलने वाली किरणों का स्टडी करेंगे। वहीं चार पेलोड के जरिए एल 1 के अगल बगल के इलाकों पर स्टडी किया जाएगा। एल 1 दरअसल वो प्वाइंट हैं, जहां पर सूरज और धरती के गुरुत्वाकर्षण एक दूसरे को संतुलित करते हैं, जिसका फायदा आदित्य एल 1 को मिलेगा। साथ ही ये वो जगह है जहां पर ग्रहण का भी प्रभाव नहीं पड़ता है। इसका साफ- साफ मतलब ये है कि आदित्य एल 1 बिना ग्रहण के प्रभाव के आसानी से सूर्य के हाव भाव को समझा जा सकेगा।