नई दिल्ली: देश में इन दिनों “वन नेशन, वन इलेक्शन” का मुद्दा जोर शोर से छाया हुआ है। इसको लेकर जहां एक तरफ सरकार इसके फायदे गिना रही है तो विपक्ष इस पर राजनीति करती नज़र आ रही है। लेकिन इसको लेकर मोदी सरकार ने अपनी तैयारियां शुरु कर दी है। जहां एक तरफ इसको लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ विधि आयोग मौजूदा विधानसभाओं के कार्यकाल का बढ़ा कर या फिर घटाकर 2029 से लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव साथ में कराने के फॉर्मूले पर काम कर रहा है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
हालांकि केन्द्रीय चुनाव आयोग एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयार है। इसको लेकर चुनाव आयोग ने विधि आयोग को कहा है कि यदि उसे समय दिया जाता है तो वो एक राष्ट्र एक चुनाव योजना को अमल में ला सकता है। वहीं दूसरी तरफ विधि आयोग के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी की कहना है कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर अंतिम फैसला लेने और इसे कारगर करने के लिए अभी और भी बैठकों की जरुरत है।
सिस्टम किया जा रहा है तैयार
देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए एक बड़े सिस्टम की जरुरत है और इस पर काम भी फिलहाल शुरु कर दिया गया है। इसके तहत विधि आयोग ने देश के विधानसभाओं के कार्यकाल को कम करने या फिर बढ़ाने का सुझाव दिया है। वहीं सूत्रों के हवाले से ये खबर निकल कर सामने आ रही है कि ऐसा हो सके इसके लिए एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है कि एक बार लोकसभा और विधानसभा साथ में कराने की सारी व्यवस्था हो जाए तो वोटर्स को दोनों चुनाव के लिए मतदान करने के लिए एक बार ही उन्हें वोटिंग बूथ पर जाना होगा।
विधि आयोग लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के लिए एक आम वोटर लिस्ट पर भी काम कर रहा है ताकि चुनाव में आने वाले खर्चों को कम किया जा सके और मैन पावर का इस्तेमाल कम हो और एक ही मैन पावन से तीनों चुनाव निपटा लिए जाएं। हालांकि इन सभी मुद्दों पर विधि आयोग आधिकारिक रुप से अपनी सहमति नहीं जताई है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसपर कोई ठोस फैसला ले लिया जाएगा।