कानून बन गया “नारी शक्ति वंदन” अधिनियम, राष्ट्रपति की मिली मंजूरी

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नई दिल्ली: लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम को अब कानूनी स्वरुप मिल गया है। इस अधिनियम को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही अधिनियम अब कानून बन गया है। इस कानून के लागू होते ही लोकसभा, राज्यसभा और देश के विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलना शुरु हो जाएगा। हालांकि उम्मीद जताई है रही है कि 2026 में जनगणना और फिर परिसीमन के बाद ये प्रभावी हो जाएगा।

शुक्रवार को इस अधिनियम पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन गया है और इसको लेकर राष्ट्रपति भवन की तरफ से भी अधिसूचना जारी कर दी गई है। दरअसल मोदी सरकार ने इस मकसद से संसद में पेश किया था कि इस कानून के आने से महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण और भारत में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। इस बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार ने 18 से 22 सिंतबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया था।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम को 19 सितंबर को लोकसभा में पेश किया गया था, जहां दो दिनों तक चर्चा करने के बाद इस पर वोटिंग कराई गई जिसमें इस बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में 2 वोट पड़े। लोकसभा में पास होने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया, जहां शत प्रतिशत वोट के साथ इस बिल को पास कर दिया गया। आपको बता दें कि दोनों सदनों से पास होने के बाद आखिर में मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाता है और फिर शुक्रवार को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये बिल कानून में बदल गया।

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