
नई दिल्ली: पिछले कुछ समय में कनाडा में खालिस्तानी आतंकी लगातार एक्टिव है और भारत के खिलाफ जहर उगर रहे हैं। तो वही पिछले कुछ महीनों से तीन खूंखार खालिस्तानी समर्थक आतंकवादियों की मौत के बाद से अब ये संगठन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से थर-थर कांप रहे हैं। वहीं भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर लगातार ये आतंकी हैं। सुरक्षा एजेंसियों की रडार में सबसे उपर नाम प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का है। इसके उपर पंजाब में राजद्रोह सहित 22 आपराधिक मामले दर्ज हैं। आपको बता दें कि पन्नू कनाडा में बैठकर खालिस्तानी आतंकवाद को संचालित कर रहा है और भारत के प्रति लगातार ज़हर उगल रहा है।
भारत में कई घटनाओं को दे चुका है अंजाम
पिछले साल मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट से ग्रेनेड हमला किया गया था तो वही नई दिल्ली में जब जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा था तो उस वक्त भी पन्नू ने एक ऑडियो संदेश जारी कर कश्मीर में रहने वाले मुसलमान युवकों को दिल्ली जाकर जी 20 को बाधित करने की अपील की थी। यहां तक की कई मुख्यमंत्रियों और अन्य लोगों को टेलीफोन के माध्यम से हत्या की धमकी के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। वहीं पिछले हफ्ते पन्नू ने निज्जर की हत्या पर भारत जनमत संग्रह कराने की घोषणा की थी। उसमें उसने सवाल रखा था कि क्या भारतीय उच्चायुक्त वर्मा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार है? इसके लिए पन्नू ने एक वीडिय़ो संदेश जारी किया था। इस वीडियो में पन्नू ने कनाडा में रह रहे हिन्दूओं को धमकी दी है कि वो कनाडा छोड़ कर भारत लौट जाएं।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
पन्नू चंडीगढ़ की पंजाब विश्वविद्यालय से पास आइट है। उसके खिलाफ पंजाब और हिमाचल प्रदेश में धमकी देने, सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने सहित कई मामलों में आरोपी है। भारत में एक के बाद एक आपराधिक गतिविधियों में उसकी बढ़ती सहभागिता को देखते हुए भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस पर बैन लगा दिया था। यहां तक कि नए कानून के तहत पन्नू को आतंकी घोषित किया गया। भारत की ओर से इतना कड़ा कदम उठाए जाने के बावजूद कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में SFJ की गतिविधियां लगातार जारी हैं। इन देशों में बड़ी संख्या में भारत से गए सिख रहते हैं, जिनमें से कई अलगाववादी खालिस्तानी विचारधारा से जुड़े हैं। उन खालिस्तानी सिखों के जरिए गुरपतवंत सिंह पन्नून वहां भारत के खिलाफ हिंसा भड़काने में लगा है।
आपको बता दें कि 6 मई को खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के प्रमुख खालिस्तानी नेता परमजीत सिंह पंजवार की लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं 15 जून को खालिस्तान समर्थक और अलगाववादी अमृतपाल सिंह के ‘गुरु’ अवतार सिंह खंडा की ब्रिटेन के एक अस्पताल में कैंसर से मौत हो गई। इसके तीन दिन बाद 18 जून को, कनाडाई नागरिक और प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केअीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार दी थी।