G20 Summit: नई दिल्ली घोषणा पत्र में क्या हैं विशेषताएं? किन चीजों पर केन्द्रित है घोषणा पत्र?

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नई दिल्ली: नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन का सफलता पूर्वक समापन हो गया। संयुक्त वक्तव्य में सभी विकासात्मक और भू-राजनैतिक मुद्दों पर शिखर सम्मेलन के पहले दिन ही आम सहमति बन गई और पहले दिन ही नई दिल्ली घोषणा पत्र को भी आधिकारिक रुप से मंजूर कर लिया गया। इस घोषणा पत्र में वो सभी मुद्दे हैं, जिस पर जी-20 ग्रुप के सभी देशों की आम मंजूरी एक बार में मिल गई। हालांकि जी-20 समूह के पिछले शिखर सम्मेलनों को देखें तो ये अपने आप में भी एक कीर्तिमान है कि बिना किसी बहस के आम मंजूरी मिल गई।  

किन मुद्दों पर है नई दिल्ली घोषणा पत्र?

मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास, एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाना, सतत भविष्य़ के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान और बहुपक्षपात को पुनर्जीवित करना आदि। नई दिल्ली घोषणा पत्र में कुल 37 पन्ने हैं और इसमें 83 पैराग्राफ हैं। लेकिन इस घोषणा पत्र में ताजा चल रहे युक्रेन में चल रही लड़ाई पर तो बात की गई है, लेकिन रुस के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। साथ ही, युक्रेन में न्यायसंगत, व्यापक और शांति का भी आह्वान किया गया है। इस घोषणा पत्र में ये भी चर्चा की गई है कि परमाणु हथियारों की धमकी और इस्तेमाल को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उस घोषणा पत्र में सदस्य देशों से क्षेत्रीय अधिग्रहण के लिए बल प्रयोग के खतरे से बचने या किसी देश की क्षेत्रीय अखंडता काम ना करने की भी अपील की गई है। आतंकवाद मुद्दे पर सभी देशों ने एक साथ सहमती जताई है। नई दिल्ली घोषणा पत्र में कुल 9 बार आतंकवाद की चर्चा की गई है। इसके अलावा घोषणा पत्र में कहा गया है कि जी-20 ग्रुप के सभी देश विकास के मुद्दे पर काम करेंगे और भारत की पहल पर वन फ्यूचर अलायंस बनाया जाएगा।

नई दिल्ली घोषणा पत्र में ग्लोबल बायो फ्यूल अलायंस बनाने पर भी चर्चा की गई है। इस अलायंस के संस्थापक देश भारत, अमेरिका और ब्राजील होंगे। साथ ही नई दिल्ली घोषणा पत्र में क्रिप्टो करेंसी पर ग्लोबल प्लानिंग करने की दिशा में बातचीत करने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि जी-20 को ज़ोर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर रहेगा। जिसमें बहुपक्षीय विकास बैंक और मल्टीलैटरल डेवेलप बैंक को मंजूरी दी जाएगी। नई दिल्ली घोषणा पत्र में जलवायु परिवर्तन से निपटने में तेजी लाने की बात कही गई है। इसके लिए सभी देशों को अपने अपने स्तर पर निर्धारित लक्ष्यों को पेरिस समझौते के अनुरुप करने का आह्वान किया गया है।

इसमें घोषणा पत्र में एक खास बात की चर्चा की गई है, जिसमें लैंगिग समानता और नारी सशक्तिकरण पर बल देते हुए जी 20 में नया महिला सशक्तिकरण समूह गठित करने की घोषणा की गई है। इसमें नारी सशक्तिकरण के माध्यम से महिलाओं के नेतृत्व में विकास पर बल दिया गया है।

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