Red Fort Blast: दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके में 12 लोगों की मौत और 20 से ज्यादा घायल। जांच में पता चला कि कार में 80 किलो विस्फोटक था, लेकिन कोई डेटोनेटर नहीं मिला। फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ा मामला, NIA जांच में जुटी।
नई दिल्ली: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम हुए भयानक धमाके ने पूरे देश को दहला दिया है। इस विस्फोट में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं। घटना के बाद से ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), दिल्ली पुलिस, और इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीमें लगातार जांच में जुटी हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक, धमाके में इस्तेमाल की गई हुंडई i20 कार में करीब 80 किलो विस्फोटक भरा हुआ था। हालांकि जांच में यह पाया गया है कि कार में कोई डेटोनेटर या टाइमर डिवाइस मौजूद नहीं था। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि यह ब्लास्ट योजनाबद्ध नहीं, बल्कि पैनिक में किया गया विस्फोट था।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह कार फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ी थी, जो हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सक्रिय हुआ था। इस मॉड्यूल की योजना दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट करने की थी। लेकिन फरीदाबाद से इसके कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद मुख्य आरोपी डॉ. उमर घबरा गया और कथित तौर पर उसने घबराहट में खुद ही कार में ब्लास्ट कर दिया। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और सुरक्षा एजेंसियां कई अन्य पहलुओं पर काम कर रही हैं, जिसमें विस्फोटक की उत्पत्ति, वित्तीय सहायता, और संभावित विदेशी कनेक्शन भी शामिल हैं।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
धमाके के बाद दिल्ली और एनसीआर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। विशेष रूप से गाजीपुर बॉर्डर पर आने-जाने वाली हर गाड़ी की सघन तलाशी ली जा रही है। मेट्रो स्टेशनों, भीड़भाड़ वाले बाजारों और सरकारी प्रतिष्ठानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
पीएम आवास पर उच्च स्तरीय बैठक
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए आज शाम कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक बुलाई गई है। बैठक में सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शाम साढ़े 5 बजे प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर होगी। सूत्रों के अनुसार, बैठक में धमाके की जांच की प्रगति, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संभावित खतरे और आगे की कार्यवाही पर चर्चा की जाएगी। मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने समीक्षा बैठक के बाद यह मामला NIA को सौंपने का निर्णय लिया था।
जांच के केंद्र में ‘फरीदाबाद मॉड्यूल’
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह मॉड्यूल पिछले कुछ महीनों से दिल्ली-एनसीआर में लॉजिस्टिक और फंडिंग नेटवर्क तैयार कर रहा था। इसके तार देश के बाहर तक फैले होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल NIA ने घटनास्थल से कार के अवशेष, विस्फोटक के नमूने और CCTV फुटेज कब्जे में लिए हैं। सभी सबूतों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। देश की राजधानी में हुए इस बड़े धमाके ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और मामले की जांच तेजी से आगे बढ़ाई जाएगी।
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