
बेंगलुरू: चंद्रमा की सतह पर लैंडिग के बाद प्रज्ञान रोवर ने अपना काम शुरु कर दिया है और जो जानकारी वो विक्रम लैंडर को भेज रहा है, वो जानकारी वो इसरो के कमांड सेंटर में भेजना शुरु कर दिया है। इसी क्रम एक जानकारी चांद के दक्षिणी ध्रुव के तापमान को लेकर आई है, जिसे विक्रम लैंडर ने भेजा है और इस जानकारी को इसरो ने शेयर किया है।
रविवार को विक्रम लैंडर ने जो पहली जानकारी भेजी है, जो इतिहास में पहली बार हो रहा है जब चांद के साउथ पोल के आस-पास की मिट्टी की जांच की जा रही है। इसरो ने अलग अलग गहराईयों पर चंद्रमा की मिट्टी के तापमान में आए अंतर वाला एक ग्राफ शेयर किया है, जिसमें ये बताया गया है कि चंद्रमा की सतह पर तापमान किस कदर बदलता है। दरअसल ये आंकड़ा विक्रम लैंडर पर लगे चंद्र सर्फेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) के माध्यम से इकट्ठा किया गया है।
इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव को लेकर जो ग्राफ जारी किया है, उससे ये पता चल रहा है कि किस तरह से गहराई में तापमान बदलता जा रहा है। चांद की सतह पर सबसे ज्यादा गहरे प्वांइट पर तापमान 10 डिग्री तक दर्ज किए गए हैं। ChaSTE के माध्यम से चांद के साउथ पोल पर जमीन के उपरी सतह से लेकर निचली सतह ते तापमान में होने वाले बदलाव को रिकॉर्ड किया गया।
ChaSTE के माध्यम से जिन जानकारियों को इकट्ठा किया जा रहा है, उसके मुताबिक वैज्ञानिकों को चांद की सतह के बदलते व्यवहार के बारे में बेहतर तरीके से और सटीक जानकारी निकल कर सामने आएगी। विक्रम लैंडर पर जो उपकरण लगे हुए हैं, उसके माध्यम से चांद के जमीन को 10 सेंटीमीटर तक खोदा जा सकता है। इसमें 10 तापमान सेंसर भी लगे हुए हैं।