Vice President Election: बीजेडी और बीआरएस ने बनाई दूरी, संख्या बल में एनडीए उम्मीदवार आगे

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Vice Presidential Election 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में बीजेडी और बीआरएस ने मतदान से दूरी बनाई। कुल वोट घटकर 770 रह गए और बहुमत का आंकड़ा 386 पर पहुंचा। एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन विपक्ष पर बढ़त बनाए हुए हैं।

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर देश की राजनीति में खींचतान तेज हो गई है। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी इंडिया ब्लॉक लगातार समर्थन जुटाने में लगे हैं। इसी बीच बीजेडी (बीजू जनता दल) और बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) ने मतदान से दूरी बनाने का ऐलान कर दिया है। दोनों ही दलों का यह फैसला राजनीतिक हलकों में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है।

तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके बाद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने मीडिया को जानकारी दी कि बीआरएस उपराष्ट्रपति चुनाव से खुद को दूर रखेगी। वर्तमान में बीआरएस के पास राज्यसभा में 4 सदस्य हैं, जबकि लोकसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। बीआरएस का इस तरह से अलग रहना विपक्षी एकता के लिए झटका माना जा रहा है। पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में बीआरएस ने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन किया था।

वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी ने भी मतदान से दूर रहने का फैसला लिया है। बीजेडी के पास राज्यसभा में 7 सदस्य हैं। इससे पहले, जगदीप धनखड़ और वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के दौरान बीजेडी ने एनडीए का समर्थन किया था, जबकि वह गठबंधन का हिस्सा नहीं थी। इस बार तटस्थ रहना भाजपा के लिए राजनीतिक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और राज्यसभा के नामित सदस्य मिलकर करते हैं। जो दल मतदान से दूरी बनाते हैं, उनकी संख्या वैध वोटों में नहीं जुड़ती। इसका असर उम्मीदवारों के हार-जीत के अंतर पर जरूर पड़ता है, लेकिन परिणाम सीधे तौर पर प्रभावित नहीं होता। बीजेडी और बीआरएस दोनों ही समय-समय पर भाजपा और कांग्रेस से दूरी बनाते रहे हैं। ऐसे में उनका यह कदम इस बात का संकेत माना जा रहा है कि वे किसी खेमे के साथ खुलकर नहीं दिखना चाहते।

संख्या बल का गणित
बीजेडी और बीआरएस के मतदान से दूर रहने के बाद कुल वोटों की संख्या घटकर 770 हो गई है। जीत के लिए आवश्यक बहुमत अब 386 हो गया है। एनडीए के पास वर्तमान में 425 सांसद हैं। इसके अलावा उन्हें वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों का समर्थन भी हासिल है। इस तरह एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।

दूसरी ओर विपक्षी इंडिया ब्लॉक के पास 313 सांसद हैं। उन्हें आम आदमी पार्टी के 12 सांसदों का समर्थन भी प्राप्त है, जिससे उनकी संख्या 325 तक पहुंच रही है। हालांकि, संख्या बल में वे एनडीए से पीछे हैं। इन परिस्थितियों में साफ है कि उपराष्ट्रपति पद की कुर्सी एनडीए के उम्मीदवार के खाते में जाती नजर आ रही है, जबकि बीजेडी और बीआरएस के अलग रहने से राजनीतिक समीकरणों में दिलचस्पी और बढ़ गई है।

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