जीएसटी सुधारों पर तेजी, खाने-पीने व दैनिक उपयोग की वस्तुएं होंगी सस्ती, 22 सितंबर से लागू हो सकते हैं नए दो स्लैब

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GST Slabs to Reduce from 22 September: जीएसटी परिषद की बैठक में दो स्लैब (5% और 18%) लागू करने पर सहमति बन सकती है। खाने-पीने, दैनिक उपयोग की वस्तुएं, स्वास्थ्य और बीमा सेवाएं सस्ती होंगी। नए जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू होने की संभावना।

नई दिल्ली: आम उपभोक्ताओं को राहत देने और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार जीएसटी में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। तीन और चार सितंबर को जीएसटी परिषद की अहम बैठक बुलाई गई है, जिसमें अगली पीढ़ी के सुधारों पर सहमति बनने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, परिषद की मंजूरी मिलते ही 22 सितंबर से नए जीएसटी स्लैब लागू कर दिए जाएंगे।

बीते सप्ताह मंत्रियों के समूह (जीओएम) की बैठक में इस दिशा में विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में यह सिफारिश की गई कि मौजूदा चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर केवल दो स्लैब (5% और 18%) रखा जाए। जीओएम ने आम आदमी से जुड़ी वस्तुएं जैसे—खाने-पीने का सामान, दैनिक उपयोग की वस्तुएं, स्वास्थ्य सेवाएं और जीवन बीमा—को 5% स्लैब में शामिल करने पर सहमति जताई है। वहीं 12% वाले स्लैब में आने वाली 99% वस्तुएं 5% स्लैब में और 28% स्लैब की लगभग 90% वस्तुएं 18% स्लैब में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को होगा, साथ ही बाजार में मांग भी बढ़ेगी। खासतौर पर ऑटोमोबाइल क्षेत्र को 28% से 18% स्लैब में लाए जाने से व्यापक लाभ मिलने की संभावना है। सरकार का उद्देश्य है कि त्योहारों से पहले ग्राहकों को राहत दी जाए। दरअसल, 22 सितंबर से नवरात्र शुरू हो रहे हैं और इस दौरान बाजारों में भारी खरीदारी होती है। सरकार का मानना है कि अगर नवरात्र के पहले दिन से ही जीएसटी में छूट लागू कर दी जाती है, तो उपभोक्ताओं को सीधे लाभ मिलेगा और त्योहारों में खरीदारी का उत्साह भी बढ़ेगा।

इसके अलावा, राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह कदम अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सितंबर के अंत तक बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा हो सकती है। ऐसे में सरकार चाहती है कि चुनाव घोषणा से पहले आम जनता को राहत देकर सकारात्मक माहौल बनाया जाए। अब सबकी निगाहें तीन और चार सितंबर को दिल्ली में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक पर टिकी हैं। परिषद की सहमति मिलते ही देशभर में नए जीएसटी स्लैब लागू कर दिए जाएंगे, जिससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ कम होगा और बाजार को नई ऊर्जा मिलेगी।

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