पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की भारत को चेतावनी, कहा – पानी की एक बूंद भी नहीं छीनने देंगे, सिंधु जल विवाद पर बढ़ा तनाव

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Pakistan PM Shehbaz Sharif Warns India: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि स्थगित करने के फैसले से पाकिस्तान में बवाल। पीएम शहबाज शरीफ, बिलावल भुट्टो और सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत को दी कड़ी चेतावनी।

इस्लामाबाद: पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कदमों ने पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य हलकों में हड़कंप मचा दिया है। भारत ने इस हमले के बाद 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय लिया, जिससे पाकिस्तान की सरकार और सेना की बयानबाजी में तीखापन आ गया है।

ताजा घटनाक्रम में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुले मंच से भारत को सख्त चेतावनी दी। एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा –अगर आप हमारा पानी रोकने की धमकी देते हैं, तो यह याद रखें कि आप पाकिस्तान के पानी की एक बूंद भी नहीं छीन सकते।” उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत ने ऐसी कोई कार्रवाई की तो, आपको ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि आपको पछताना पड़ेगा।”

यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ ही दिन पहले शहबाज शरीफ ने भारत के साथ ‘सार्थक बातचीत’ की इच्छा जताई थी। ब्रिटिश उच्चायुक्त जेन मैरियट से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान सभी लंबित मुद्दों को संवाद के माध्यम से सुलझाने के लिए तैयार है। हालांकि, अब पहलगाम हमले के बाद भारत के निर्णयों ने उनके रुख को सख्त बना दिया है।

बिलावल भुट्टो का कड़ा रुख
शहबाज शरीफ से पहले, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी भारत के खिलाफ आक्रामक बयान दिए थे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा और सिंधु नदी पर किसी भी तरह के अतिक्रमण का जवाब दिया जाएगा। भुट्टो ने दावा किया था कि उन्होंने दुनिया भर में यह संदेश भेजा है कि भारत ने सिंधु जल समझौते पर एकतरफा फैसला लिया है।

पाकिस्तानी सेना की धमकी
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने तो भारत को सीधे सैन्य कार्रवाई की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर भारत सिंधु नदी पर डैम बनाता है, तो पाकिस्तान उसे मिसाइल से नष्ट कर देगा। मुनीर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश है और यदि उसे अस्तित्व का खतरा हुआ तो वह “आधी दुनिया को साथ लेकर डूबने” से भी नहीं हिचकेगा।

तनाव में वृद्धि
विशेषज्ञों का मानना है कि सिंधु जल संधि का स्थगन दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा सकता है। यह संधि 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी, जिसके तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी प्रणाली के जल का बंटवारा तय हुआ था। भारत के इस समझौते को स्थगित करने के कदम को पाकिस्तान अपनी जल सुरक्षा पर सीधा खतरा मान रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे कूटनीतिक और सुरक्षा विवादों में यह नया विवाद एक और संवेदनशील मोर्चा खोल सकता है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।

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