
Donald Trump
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने स्वीकार किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर नहीं कराया। ट्रंप ने कहा, केवल शांति की अपील की थी, कोई मध्यस्थता नहीं की।
वॉशिंगटन डीसी: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पहली बार यह स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर में कोई सीधी मध्यस्थता नहीं की थी। ट्रंप ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उन्होंने दोनों देशों को सिर्फ शांति की अपील की थी, लेकिन सीजफायर कराने का श्रेय नहीं लिया जा सकता। ट्रंप ने यह बयान कतर के दोहा में आयोजित एक सम्मेलन में दिया। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच हालात काफी तनावपूर्ण हो गए थे। दोनों देशों के बीच ड्रोन और मिसाइलों की भाषा में बातचीत हो रही थी। ऐसे में मैंने दोनों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।”
हालांकि इससे पहले ट्रंप कई बार दावा कर चुके थे कि उनकी पहल से ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर संभव हो पाया। लेकिन भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) ने खुद भारत से संपर्क कर युद्धविराम की अपील की थी। बात करें सीजफायर की पृष्ठभूमि की, तो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने कई मोर्चों से भारत पर जवाबी कार्रवाई की, जिसमें मिसाइल, ड्रोन और लड़ाकू विमान शामिल थे।
भारतीय सेना ने अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से पाकिस्तान के सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया। जवाब में भारत ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए 11 एयरबेस, कमांड और कंट्रोल सेंटर, रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुँचाया। भारत की ताकत और सटीक कार्रवाई से घबराए पाकिस्तान ने आखिरकार 10 मई को शांति की अपील की और सीजफायर लागू हुआ। डॉनल्ड ट्रंप के हालिया बयान से स्पष्ट होता है कि सीजफायर की पहल भारत की निर्णायक कार्रवाई और पाकिस्तान के दबाव में आने के कारण हुई, न कि किसी बाहरी मध्यस्थता के चलते।