जस्टिस भूषण गवई ने 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने अनुच्छेद 143(1) के तहत सुप्रीम कोर्ट से पूछा कि क्या विधेयकों पर राष्ट्रपति और राज्यपाल की मंजूरी के लिए समयसीमा तय की जा सकती है।
नई दिल्ली: देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को शपथ ली। राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में उन्होंने पदभार ग्रहण किया। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद लिया और सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। लेकिन पद संभालते ही उनका पहला महत्वपूर्ण दायित्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई सलाह पर विचार करना होगा।
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से यह जानना चाहा है कि क्या न्यायालय राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए कोई समय सीमा तय कर सकता है। इस संदर्भ में राष्ट्रपति ने कुल 14 सवाल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखे हैं। यह मामला 8 अप्रैल को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय से जुड़ा है जिसमें तमिलनाडु सरकार के विधेयकों को मंजूरी देने के लिए राज्यपाल और राष्ट्रपति की भूमिका पर समय सीमा तय करने की बात की गई थी। राष्ट्रपति ने सवाल उठाया है कि जब संविधान में ऐसी कोई समय सीमा नहीं है, तो क्या न्यायालय को ऐसा अधिकार है कि वह कोई समय सीमा निर्धारित कर सके?
इस मामले की संवेदनशीलता और महत्व को देखते हुए अब मुख्य न्यायाधीश गवई को एक संविधान पीठ गठित करनी होगी, जिसमें कम से कम पांच न्यायाधीश शामिल होंगे। इस पीठ के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि राष्ट्रपति और राज्यपाल की भूमिका और शक्तियों की सीमा क्या है और क्या इन संवैधानिक पदों पर समयबद्ध कार्यवाही का कोई प्रावधान न्यायालय द्वारा किया जा सकता है।
आपको बता दें कि इस मुद्दे को लेकर हाल ही में कार्यपालिका के कुछ वरिष्ठ सदस्यों और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी चिंता जाहिर की थी और सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ के निर्णय पर असहमति जताई थी। लेकिन अब यहां देखना होगा कि संविधान पीठ इन सवालों का क्या उत्तर देती है और देश की संवैधानिक व्यवस्था को किस दिशा में आगे ले जाती है।