भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) में POK में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। महिला अधिकारी कर्नल सोफ़िया और विंग कमांडर व्योमिका ने दी जानकारी।
एपीएम न्यूज़, नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर हमला किया। इस सैन्य अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है। भारतीय सेना के इस साहसिक ऑपरेशन की जानकारी बुधवार सुबह सेना की दो महिला अधिकारियों — कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह — ने मीडिया को दी।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारत में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी, जिसका जवाब भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के जरिए दिया है।
कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी: सेना की जुझारू महिला चेहरा
कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी, जो सिग्नल कोर से ताल्लुक रखती हैं, भारतीय सेना की उन चुनिंदा महिला अधिकारियों में से हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। साल 2016 में पुणे में हुए बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘फोर्स 18’ में उन्होंने 40 सैनिकों की भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व किया था, और वे इस तरह का अभ्यास लीड करने वाली पहली भारतीय महिला अधिकारी बनी थीं। गुजरात की रहने वाली सोफ़िया ने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और वे एक सैन्य परिवार से आती हैं। उनके दादा भी भारतीय सेना में थे, और उनकी शादी एक मैकेनाइज़्ड इन्फ़ेंट्री के अधिकारी से हुई है।
साल 1999 में मात्र 17 साल की उम्र में उन्होंने शॉर्ट सर्विस कमीशन के ज़रिए सेना जॉइन की थी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना में भी छह वर्षों तक सेवा दी, जिसमें 2006 में कॉन्गो में उनका कार्यकाल विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह: आकाश को छूने वाली जांबाज़ पायलट
भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी देने वाली दूसरी महिला अधिकारी थीं। वे भारतीय वायुसेना की हेलीकॉप्टर पायलट हैं और 2500 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव रखती हैं। उनका नाम ‘व्योमिका’, जिसका अर्थ है ‘आसमान से जुड़ी हुई’, उनकी पहचान और जज़्बे का प्रतीक बन गया है। एनसीसी से प्रेरित होकर उन्होंने इंजीनियरिंग के बाद वायुसेना का रुख किया और 2019 में उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला।
उन्होंने चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उड़ाया है, खासकर जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में। उन्होंने कई बचाव अभियानों में भी अपनी बहादुरी का परिचय दिया है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन नवंबर 2020 में अरुणाचल प्रदेश में हुआ था।
सेना की महिला शक्ति की भूमिका
‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य सफलता नहीं है, बल्कि यह भारत की सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं की निर्णायक और अग्रणी भूमिका का भी प्रतीक है। कर्नल सोफ़िया और विंग कमांडर व्योमिका जैसे अधिकारी देश की बेटियों के लिए प्रेरणा हैं और यह साबित करती हैं कि भारत की रक्षा में महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं। भारतीय सेना ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि आतंक के खिलाफ उसकी नीति “ज़ीरो टॉलरेंस” की है, और देश की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।