बोस्टन में राहुल गांधी का बड़ा आरोप, कहा – चुनाव आयोग ने किया समझौता, बीजेपी का पटलवार

बोस्टन में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत की चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए, कहा- “सिस्टम में गड़बड़ी है, आयोग ने समझौता किया।” बीजेपी नेताओं ने किया तीखा विरोध, गिरिराज सिंह ने मांगा इस्तीफ़ा। जानिए पूरा विवाद।
नई दिल्ली/बोस्टन: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका के बोस्टन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत की चुनाव प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रह गया है। उनके इन आरोपों के बाद देश की सियासत गरमा गई है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
राहुल गांधी ने बोस्टन में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा, “सरल शब्दों में कहें तो राज्य में जितने वयस्क मतदाता हैं, उससे ज़्यादा लोगों ने वोट डाल दिया। चुनाव आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक के आंकड़े दिए, और फिर बताया कि 5:30 से 7:30 के बीच 65 लाख वोट पड़े। यह आंकड़ा अव्यवहारिक है।” उन्होंने आगे कहा कि “अगर एक व्यक्ति को वोट डालने में औसतन तीन मिनट लगते हैं, तो इतने बड़े स्तर पर मतदान का मतलब है कि पोलिंग बूथों पर देर रात 2 बजे तक भीड़ होनी चाहिए थी, जबकि ऐसा नहीं हुआ।”
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस ने इन आंकड़ों की वीडियोग्राफी की मांग की, तो चुनाव आयोग ने न केवल इस मांग को ठुकरा दिया बल्कि नियमों में बदलाव कर दिया, जिससे अब ऐसे अनुरोध करना भी संभव नहीं है। इसको लेकर राहुल गांधी ने कहा“यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है और सिस्टम में कुछ गड़बड़ी है,” । उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह पहले भी इन मुद्दों को कई बार सार्वजनिक मंचों पर उठा चुके हैं।

भाजपा का पलटवार
राहुल गांधी के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “राहुल गांधी को देश के बाहर जाकर भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने का कोई हक नहीं है। उन्हें ऐसे बयान देने के लिए इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी “नेशनल हेराल्ड” मामले से जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहुल गांधी पर देशविरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा, “जो नेता देश की बुराई विदेशों में करता है, वह किसी जयचंद से कम नहीं। जनता उन्हें हर चुनाव में सबक सिखा रही है।”
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, “एक नहीं, अनेक चुनाव हारने के बावजूद कांग्रेस और उसके नेता भारत की संस्थाओं को निशाना बनाते रहते हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाकर भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बदनाम करना उनकी रणनीति बन चुकी है।”
हालांकि राहुल गांधी के इन बयानों को लेकर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने उनका समर्थन किया है। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना लोकतंत्र की रक्षा के लिए ज़रूरी है। आपको बता दें कि साल 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ियों के आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने मतदाता सूची में विसंगतियों की बात करते हुए चुनाव आयोग से पूरी सूची सार्वजनिक करने की मांग की थी।
अब जब राहुल गांधी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को उठाया है, तो यह राजनीतिक बहस का नया केंद्र बन गया है। सोशल मीडिया पर उनके बयान की क्लिप्स वायरल हो रही हैं, और इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। राहुल गांधी के बयानों से एक बार फिर भारत की चुनाव प्रणाली पर बहस तेज हो गई है। जहां एक ओर बीजेपी इसे राष्ट्रविरोधी गतिविधि बता रही है, वहीं विपक्ष इसे लोकतंत्र के लिए ज़रूरी चेतावनी मान रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद से लेकर सड़क तक गूंज सकता है।