नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार देते हुए बुधवार को देशभर में जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पार्टी सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए मोदी सरकार पर संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया। इस बीच, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है। नेशनल हेराल्ड सिर्फ एक अखबार नहीं, स्वतंत्रता संग्राम की आवाज है, जिसे अब दबाया जा रहा है। मोदी सरकार कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।”
लैंड डील मामले में रॉबर्ट वाड्रा से पुछताछ
वहीं, दूसरी ओर रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी लैंड डील जांच भी तेज हो गई है। वाड्रा बुधवार को लगातार दूसरे दिन ईडी दफ्तर पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी नजर आईं। वाड्रा हरियाणा के शिखोपुर जमीन सौदे से जुड़े सवालों के जवाब देने पहुंचे थे। मंगलवार को भी उनसे करीब 6 घंटे तक पूछताछ की गई थी। ईडी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने एक आपराधिक साजिश के तहत नेशनल हेराल्ड की मूल कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने की कोशिश की।

क्या है आरोप और बीजेपी का पलटवार
आरोप है कि उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर मात्र 50 लाख रुपये में अपनी निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ को ट्रांसफर कर लिए, जिसमें गांधी परिवार की प्रमुख हिस्सेदारी है। ईडी ने इस केस में 661 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। उधर, बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा, “गांधी परिवार को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन जमीन लूटने का नहीं। नेशनल हेराल्ड कभी गांधी-नेहरू परिवार की संपत्ति नहीं थी। कांग्रेस का विरोध सिर्फ कानून से बचने की कोशिश है।”
राजनीतिक गलियारों में इस पूरे घटनाक्रम ने गरमाहट पैदा कर दी है और आने वाले दिनों में इस मामले पर सियासी टकराव और तेज होने के आसार हैं।
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