ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की के बीच तीखी बहस

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वाशिंगटन: ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump)और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के बीच एक खुली बहस देखने को मिली, जिसे यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक झटका माना जा रहा है। इस बातचीत में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भी ज़ेलेंस्की से तीखी बहस हुई। इस घटना के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में कहा कि ज़ेलेंस्की को माफ़ी मांगनी चाहिए।

रुबियो ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने कई महत्वपूर्ण समझौतों को अंजाम दिया है और अगर ज़ेलेंस्की इतनी आक्रामकता के साथ बात करेंगे तो कौन उनसे संवाद करेगा?” हालांकि, ज़ेलेंस्की ने माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया। फॉक्स न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि माफ़ी मांगने की ज़रूरत है। मैं राष्ट्रपति और अमेरिकी लोगों का बहुत सम्मान करता हूँ, लेकिन मुझे लगता है कि हमें ईमानदार और खुले विचारों वाला होना चाहिए।”

बहस के दौरान ट्रंप ने ज़ेलेंस्की को चेतावनी दी कि “आप बहुत कठिन स्थिति में हैं। आपके पास अभी दांव पर लगाने के लिए कुछ नहीं है। ऐसे में आप बहस नहीं कर सकते।” इसके जवाब में ज़ेलेंस्की ने कहा, “मैं कोई कार्ड नहीं खेल रहा हूँ।” उप-राष्ट्रपति वेंस ने ज़ेलेंस्की के देश में चल रही तबाही और मैनपावर की समस्या का मुद्दा उठाते हुए कहा, “ओवल ऑफिस में मीडिया के सामने इस तरह बहस करना अपमानजनक है।” इस पर ज़ेलेंस्की ने तीखा जवाब देते हुए पूछा, “क्या आप कभी यूक्रेन आए हैं? एक बार आइए, तब पता चलेगा कि हम किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं।”

स्थिति तब और बिगड़ी जब वेंस ने यूक्रेन पर प्रोपेगैंडा टूर आयोजित करने का आरोप लगाया और कहा, “आपके पास सेना में भर्ती होने के लिए लोग नहीं हैं और आप अमेरिकी प्रशासन पर हमला कर रहे हैं जो युद्ध रोकने की कोशिश में लगा है।” अंततः, बहस के बढ़ते तनाव के बाद व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार, “ज़ेलेंस्की और ट्रंप अलग-अलग कमरे में चले गए और इसके बाद ट्रंप ने यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को वहाँ से जाने के लिए कह दिया।”

तयशुदा संयुक्त प्रेस वार्ता भी रद्द कर दी गई और ज़ेलेंस्की बिना खनिज संपदा समझौते पर हस्ताक्षर किए ही अमेरिका छोड़कर चले गए। विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना से यूक्रेन-रूस युद्ध के समाधान की दिशा में अमेरिका और यूक्रेन के बीच संबंधों में खटास आ सकती है।

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