
नई दिल्ली। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की दोबारा जीत के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में अमेरिका ने 104 भारतीय प्रवासियों को अपने सैन्य विमान से भारत वापस भेजा, जिनमें से कई ने आरोप लगाया कि उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर भेजा गया। इस घटनाक्रम के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं।
ट्रंप की जीत और भारत की प्रतिक्रिया
नवंबर में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद भारत ने किसी भी प्रकार की नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप की जीत को लेकर कहा था कि “ट्रंप के आने से कई देश नर्वस हैं लेकिन भारत उन देशों में नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छे संबंध हैं और यह भारत के लिए फायदेमंद रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप की जीत पर गर्मजोशी से बधाई दी थी। यह अनुमान लगाया जा रहा था कि चीन के निर्यात पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले टैरिफ का लाभ भारत को मिल सकता है। लेकिन हाल ही में हुई इस घटना ने दोनों देशों के संबंधों पर नई बहस छेड़ दी है।
104 भारतीयों की वापसी पर विवाद
अमेरिका ने 104 भारतीय प्रवासियों को अपने सैन्य विमान से भारत वापस भेज दिया, जिन्हें अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का दोषी पाया गया था। इन लोगों में से कई ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें हाथों और पैरों में बेड़ियां पहनाई गई थीं। इस घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, “अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा लगाने वाले प्रधानमंत्री मोदी को यह बताना चाहिए कि भारत का ऐसा अपमान क्यों हो रहा है?”
भारत की प्रतिक्रिया
गुरुवार को संसद में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि “भारत और अमेरिका दोनों देशों के हित में है कि वैध प्रवासन को प्रोत्साहित किया जाए और अवैध आवाजाही को रोका जाए।” उन्होंने कहा कि अवैध प्रवास से कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं और कई लोग अमानवीय परिस्थितियों में फंस जाते हैं। जयशंकर ने यह भी बताया कि भारत इस मामले पर अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रहा है, ताकि जिन भारतीयों को वापस भेजा जा रहा है, उनके साथ फ्लाइट में अमानवीय व्यवहार न किया जाए।
ब्रह्मा चेलानी का कड़ा बयान
सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मेक्सिको और कोलंबिया ने अपने प्रवासियों को हथकड़ी पहनाकर सैन्य विमान से भेजने का विरोध किया, लेकिन भारत ने न केवल इसे स्वीकार किया बल्कि गर्व से कहा कि अवैध प्रवासियों से निपटने के लिए भारत-अमेरिका सहयोग मजबूत है।”
अमेरिकी अधिकारियों का बयान
यूनाइटेड स्टेट्स बॉर्डर पेट्रोल के चीफ़ माइकल डब्ल्यू बैंक्स ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी में दिखाया गया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “भारत के अवैध प्रवासियों को सफलतापूर्वक वापस भेज दिया गया है। हम इमिग्रेशन नियमों का कड़ाई से पालन करते हैं और यदि आप अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करेंगे, तो इसी तरह वापस भेजे जाएंगे।”
भारत-अमेरिका संबंधों पर असर?
इस घटनाक्रम ने भारत-अमेरिका संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का दृष्टिकोण पूरी तरह व्यापार केंद्रित है। ब्रह्मा चेलानी ने अपनी पोस्ट में लिखा, “ट्रंप के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी अगले हफ्ते व्हाइट हाउस जा रहे हैं, लेकिन अमेरिका ने पहले ही अपने सैन्य विमान से अवैध भारतीय प्रवासियों की पहली खेप वापस भेज दी है। संदेश स्पष्ट है – ट्रंप का मतलब है व्यापार। अब देखना यह है कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका से क्या लेकर लौटते हैं?”
भारत सरकार की ओर से इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।