भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन, दिल्ली के एम्स में ली आखिरी सांस

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नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार की रात 9:51 बजे उन्होंने एम्स में आखिरी सांस ली। उनके निधन पर भारत सरकार के 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में उनका अतुलनीय योगदान हमेशा याद किया जाएगा। 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत (अब पाकिस्तान) में जन्मे डॉ. सिंह ने अपने जीवन में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं और भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय अर्थव्यवस्था के शिल्पकार

डॉ. मनमोहन सिंह का नाम भारत के सबसे प्रभावशाली वित्त मंत्रियों में शुमार किया जाता है। 1991 में जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला। उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की दिशा में साहसिक कदम उठाए, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उनकी नीतियों ने भारत को आर्थिक संकट से उबारते हुए वैश्विक मंच पर स्थापित किया।

प्रधानमंत्री के रूप में उनकी भूमिका

डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक दो कार्यकालों तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की। वे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री थे। उनके नेतृत्व में भारत ने अभूतपूर्व आर्थिक विकास देखा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनके कार्यकाल में शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए।

शिक्षा और प्रशासनिक जीवन

डॉ. सिंह का झुकाव बचपन से ही शिक्षा की ओर था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक तथा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। एक शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले डॉ. सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन किया। इसके बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में योगदान दिया।

सम्मान और पुरस्कार

डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जीवनकाल में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 1987 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 2010 में उन्हें सऊदी अरब का ‘ऑर्डर ऑफ किंग अब्दुलअजीज’ और 2014 में जापान का ‘ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द पॉलोनिया फ्लावर्स’ प्रदान किया गया।

सादगी और ईमानदारी का प्रतीक

डॉ. सिंह अपने सादगीपूर्ण जीवन और ईमानदार छवि के लिए हमेशा जाने जाएंगे। उन्होंने देश की प्रगति और आम जनता के हितों को प्राथमिकता दी। उनका निधन न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बड़ी क्षति है। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।

डॉ. मनमोहन सिंह को हमारी श्रद्धांजलि।

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