झांसी मेडिकल कॉलेज में भीषण अग्निकांड, 10 नवजातों की मौत, 5 गंभीर

0Shares

झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में शुक्रवार रात हुए अग्निकांड ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। इस हादसे में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जबकि 5 शिशु गंभीर हालत में हैं। हादसे के वक्त एनआईसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में कुल 47 नवजात भर्ती थे। आग लगने की वजह प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है।

सीएम योगी का दुख व्यक्त, मुआवजा राशि का ऐलान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और गंभीर रूप से घायल बच्चों के परिजनों को ₹50,000 की सहायता राशि प्रदान करने का ऐलान किया है। ये राहत राशि सीएम राहत कोष से दी जाएगी।

सीएम योगी ने घटना की सूचना मिलते ही उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा और पूरी रात घटनास्थल से अपडेट लेते रहे। उन्होंने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे के भीतर घटना की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बयान

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शनिवार सुबह घटना स्थल का दौरा किया और इसे बेहद दुखद घटना बताया। उन्होंने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। तीन स्तरों पर जांच का आदेश दिया गया है। इस घटना की जांच शासन स्तर पर स्वास्थ्य विभाग करेगा, जबकि जिला स्तर पर पुलिस प्रशासन और फायर डिपार्टमेंट करेगा। वहीं इस घटना की पूरी जांच मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी।

डिप्टी सीएम ने कहा कि इस हादसे के कारणों की पूरी जानकारी निकाली जाएगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी। कोई भी दोषी नहीं बचेगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया शोक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के झांसी में हुई इस दुर्घटना में नवजात शिशुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत हृदय विदारक है। ईश्वर, शोक संतप्त माता-पिता और परिवारजनों को यह क्रूर आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करें। मैं घायल शिशुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।”

घटना के बाद झांसी मेडिकल कॉलेज के बाहर शोक का माहौल है। नागरिकों ने अस्पताल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर सुरक्षा उपकरण और अग्निशमन सेवाओं का ध्यान रखा जाता, तो यह हादसा रोका जा सकता था। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है। साथ ही, अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और अग्निशमन उपकरणों की कमी भी इस घटना को बढ़ावा देने वाली बड़ी वजह मानी जा रही है।

यह हादसा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। अब समय है कि सरकार और प्रशासन इस तरह की घटनाओं से सीख लेकर अस्पतालों की सुरक्षा मानकों को सुधारें और ऐसे हादसों को भविष्य में रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *