जातिगत जनगणना के पक्ष में नहीं है आरएसएस, कहा – समाज में बढ़ेगा मतभेद

0Shares

नई दिल्ली: विपक्षी दलों द्वारा देशभर में जातिगत जनगणना मांग धीरे धीरे तेज हो रही है। वहीं दूसरी तरफ आरएसएस का मानना है कि देश में जातिगत जनगणना नहीं होनी चाहिए। इसको लेकर आरएसएस ने सवाल भी पुछा है कि इससे क्या हासिल होगा? दरअसल आरएसएस के पदाधिकारी श्रीधर गाडगे ने मंगलावार को इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

उन्होंने कहा कि इस तरह के जनगणना से कुछ लोगों को राजनीतिक रुप से फायदा जरुर पहुंचेगा क्योंकि इससे ये जानकारी निकल कर सामने आ सकेगी कि किसी निश्चित जाति की आबादी कितनी है, लेकिन ये सामाजिक रुप से और देश की एकता के लिए सही नहीं है।

आपको बता दें कि जब से बिहारी में जातिगत जनगणना का आंकड़ा जारी हुआ है उसके बाद से कांग्रेस लगातार पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग करता आ रहा है। एक समाचार चैनल के साथ बात करते हुए श्रीधर गाडके ने कहा है कि जाति आधारित जनगणना नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने की कोई वजह नहीं है। इससे हमें क्या हासिल होगा?

उन्होंने साफ कहा कि हमारा रुख साफ है कि कोई असमानता, शत्रुता या झगड़ा नहीं होना चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया कि जातिगत जनगणना का कोई भी संबंध आरक्षण के साथ नहीं है। ये दोनों अलग अलग मुद्दे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आरक्षण का प्रावधान सामाजिक उत्थान के लिए करना चाहिए।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *