79th Independence Day 2025: भारत ने 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया। लाल किले से पीएम मोदी ने नारी शक्ति, तकनीकी आत्मनिर्भरता, ऊर्जा सुरक्षा, खेल और स्वास्थ्य पर जोर देते हुए 140 करोड़ संकल्पों का आह्वान किया।
नई दिल्ली: आज पूरे देश में 79वां स्वतंत्रता दिवस उत्साह और गौरव के साथ मनाया गया। कश्मीर से कन्याकुमारी और मुंबई-अहमदाबाद से लेकर गुवाहाटी व शिलांग तक हर कोना तिरंगे के रंग में रंगा दिखाई दिया। राष्ट्रीय ध्वज शान से लहरा रहा था और देशवासी आज़ादी के महापर्व में डूबे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह 7:21 बजे ऐतिहासिक लाल किले पर पहुंचकर 12वीं बार ध्वजारोहण किया। उनके साथ इस अवसर पर भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर रशिका शर्मा मौजूद रहीं। ध्वजारोहण के साथ ही 1721 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) द्वारा स्वदेशी 105 मिमी लाइट फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी गई, जिसकी कमान मेजर पवन सिंह शेखावत के पास थी और नायब सूबेदार अनुतोष सरकार गन पोज़िशन ऑफिसर रहे।

इस वर्ष समारोह का थीम रहा – “स्वतंत्रता का सम्मान करें, भविष्य को प्रेरित करें”। लाल किले के आसपास सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए थे और समारोह में विशेष अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों और विभिन्न क्षेत्रों से आमंत्रित लोगों ने भाग लिया। दिल्ली मेट्रो ने सुबह 4 बजे से सेवाएं देकर आगंतुकों की सुविधा सुनिश्चित की।
राष्ट्रपति का संबोधन
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए संविधान और लोकतंत्र को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त हमारी सामूहिक स्मृति में गहराई से अंकित है और यह दिवस देशवासियों की बलिदानी यात्रा और आज़ादी के स्वप्न का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री का लाल किले से संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस दिवस को “140 करोड़ संकल्पों का महापर्व” बताया और देशवासियों को तकनीकी आत्मनिर्भरता, ऊर्जा सुरक्षा और सामाजिक समानता के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि भारत ने डिजिटल लेन-देन में दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया है और अब समय है कि साइबर सुरक्षा से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक अपनी तकनीक विकसित की जाए। उन्होंने किसानों के लिए खाद्य सुरक्षा और उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।

नारी शक्ति का महिमा मंडन
पीएम मोदी ने ‘लखपति दीदी’ और ‘नमो ड्रोन दीदी’ जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भारत की महिलाएं खेल, स्टार्टअप और अर्थव्यवस्था में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने नारी शक्ति को देश की विकास यात्रा की प्रमुख प्रेरक बताया।
खेल और स्वास्थ्य पर जोर
प्रधानमंत्री ने “नेशनल स्पोर्ट्स पॉलिसी – खेलो भारत” की घोषणा करते हुए स्कूल से कॉलेज तक खेलों के लिए समग्र ईकोसिस्टम विकसित करने की बात कही। उन्होंने बढ़ते मोटापे को राष्ट्रीय चुनौती बताते हुए परिवारों से तेल की खपत कम करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया।
पिछड़ों और समाज सुधारकों पर फोकस
महात्मा ज्योतिबा फुले की 200वीं जयंती का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने पिछड़ों को प्राथमिकता देने की नीति को समाज में गहराई से लागू करने का संकल्प दोहराया।
सरकार की पहुंच जनता तक
पीएम मोदी ने कहा कि “सरकार फाइलों में नहीं, लोगों की ज़िंदगी में होनी चाहिए।” उन्होंने जनधन योजना, आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना और पीएम स्वनिधि जैसे कार्यक्रमों को उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे योजनाएं जमीन पर उतरकर नागरिकों का जीवन बदल सकती हैं। देशभर में आयोजित ध्वजारोहण समारोहों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और देशभक्ति गीतों के साथ आज का दिन एकजुट भारत की तस्वीर पेश करता रहा। हिमालय से लेकर समुद्र तट तक, हर जगह एक ही स्वर गूंजा – “जय हिंद, जय भारत”।