भारतीय रक्षा बलों के 72 जवान बने हठ योग प्रशिक्षक, ईशा योग केंद्र में सफलतापूर्वक पूरा किया विशेष प्रशिक्षण

कोयंबटूर: भारतीय रक्षा बलों की शारीरिक और मानसिक सुदृढ़ता को नई दिशा देने की पहल के तहत ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) द्वारा आयोजित 15 दिवसीय “क्लासिकल हठ योग ट्रेन द ट्रेनर” आवासीय कार्यक्रम को 72 जवानों ने सफलतापूर्वक पूर्ण किया। यह विशेष प्रशिक्षण 17 मार्च से 31 मार्च तक ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर में आयोजित किया गया।
यह कार्यक्रम भारतीय नौसेना की उस दृष्टि के अनुरूप है, जिसमें सैनिकों को केवल शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत और संतुलित बनाना प्रमुख उद्देश्य है। इस प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को औंम जप, ईशा क्रिया, उपा योग, सूर्य क्रिया और अंगमर्दन जैसे योग अभ्यास सिखाए गए। कार्यक्रम की समाप्ति पर ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जवानों को बधाई देते हुए कहा,
“जब आप राष्ट्र की सेवा में लगे हैं, तब सबसे आवश्यक है कि आपका शरीर और मन आपकी सेवा में रहें। हठ योग आपको संतुलन और स्पष्टता के साथ किसी भी परिस्थिति से निपटने की शक्ति और सहनशीलता प्रदान करेगा।”

भारतीय नौसेना के कमांडर वैभव ने प्रशिक्षण के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए कहा,
“रक्षा बलों में हमारे नियमित व्यायाम शारीरिक ताकत पर केंद्रित होते हैं, लेकिन इस योग अभ्यास से यह स्पष्ट हुआ कि असली शक्ति भीतर से आती है। यदि योग को प्रशिक्षण का हिस्सा बनाया जाए, तो हम मानसिक रूप से भी अडिग और अपराजेय बन सकते हैं।”

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य जवानों को प्रशिक्षक बनाकर योग के लाभ पूरे बल में फैलाना है। अब ये 72 प्रशिक्षित जवान देशभर के विभिन्न रक्षा स्थलों पर अपने साथियों को भी यह योग सिखाएंगे, जिससे समग्र स्वास्थ्य, मानसिक स्पष्टता और आत्मबल में वृद्धि होगी। ईशा फाउंडेशन पिछले कुछ वर्षों में मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, ग्वालियर, झांसी, सिकंदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु सहित कई शहरों में 10,000 से अधिक रक्षा कर्मियों को निःशुल्क हठ योग प्रशिक्षण दे चुका है। ‘ट्रेन द ट्रेनर’ जैसे कार्यक्रम इस प्रयास को दीर्घकालिक और स्थायी बना रहे हैं।
फाउंडेशन का लक्ष्य है कि हर वर्ष ऐसा कम से कम एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाए, ताकि योग की यह शक्ति अधिक से अधिक जवानों तक पहुंचे और वे न केवल बेहतर सैनिक, बल्कि संतुलित और सशक्त व्यक्ति भी बन सकें।