
नई दिल्ली: अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। लोकसभा चुनाव से पहले एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसके बारे में जानने के बाद आपके होश भी फ़ाख़्ता हो जाएंगे। ये रिपोर्ट है हमारे जन प्रतिनिधियों के ऊपर आपराधिक मामलों पर। ये वो जन प्रतिनिधि हैं, जिन्हें वोट के माध्यम से चुन कर हम संसद में भेजते हैं ताकि वो हमारी आवाज सरकार तक पहुंचाए और हमारे लिए काम करें। तो चलिए अब जरा इस रिपोर्ट पर बात कर लेते हैं। इस आंकड़े में लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर देश के कुल 763 माननीय सांसदों के आपराधिक मामलों के बारे में जिक्र किया गया है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
देशभर के कुल 763 सांसदों के बारे में खुलासा करते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के लोकतंत्र के मंदिर में बैठे ये सांसद दागी और इनपर किसी ना किसी तरह के अपराध के लिए मुकदमा दर्ज है। दरअसल एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्सन वॉच (NEW) ने ये आंकड़ा पेश किया है, जिसमें ये बताया गया है कि कितने सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक करीब 40 फीसदी सांसदों के उपर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें बलात्कार और हत्या जैसे मामले भी शामिल हैं। इस रिपोर्ट को सांसदों के चुनाव लड़ने से पहले दायर हलफनामों के आधार पर तैयार किया गया है। मतलब अपने अपराध की जानकारी इन सांसदों में खुद ही दी है।
क्या कहता है आंकड़ा?
इस रिपोर्ट के मुताबिक 763 मौजूदा सांसदों में से 306 सांसदों पर किसी न किस तरह के आपराधिक मामले दर्ज है। 194 सांसदों पर गंभीर अपराध के तहत मामले दर्ज हैं। वहीं अपराध के मामले में केरल के सांसदों का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर है। केरल से आए सांसदों में करीब 73 फीसदी सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं तो इसके बाद बिहार, महाराष्ट्र और तेलंगाना से आए सांसदों का स्थान आता है।
पार्टियों के हिसाब से क्या हैं आंकड़े?
भाजपा के 385 सांसदों में से 36 फीसदी यानी 139 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, तो वहीं कांग्रेस के 81 सांसदों में से 53 फीसदी यानी 43 सांसद, एआईटीसी के 36 सांसदों में से 39 फीसदी यानी सांसद, राजद के करीब 75 फीसदी यानी 6 सांसद, सीपीआई (एम) के 8 सांसदों में 75 फीसदी यानी 6 सांसद, आम आदमी पार्टी के 11 में से 27 फीसदी यानी 3 सांसद, वाईएसआरसीपी के 31 सांसदों में से 42 फीसदी यानी 13 सांसद, और एनसीपी के 8 सांसदों के उपर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
हलफनामे के मुताबिक 32 मौजूदा सांसदों ने हत्या के प्रयास (IPC धारा-307) के मामलों की घोषणा की है। 21 मौजूदा सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है। 21 सांसदों में से 4 सांसदों ने बलात्कार (आईपीसी धारा-376) से संबंधित मामलों की घोषणा की है।