
नई दिल्ली: भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan), आस्था और विश्वास का पर्व है। यह भाई–बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। इस दिन भाई भी अपनी बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन का ये त्योहार सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। लेकिन इसबार लोग इस दुविधा में हैं कि रक्षा बंधन किस दिन है? बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी 30 अगस्त को बांधेंगी या फिर 31 अगस्त को? तो आइए जानते हैं कि रक्षा बंधन किस दिन मनाया जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या है?
इसबार रक्षा बंधन पर है भद्रा का साया
इस बार सावन माह की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को है, लेकिन इस दिन भद्रा का साया है। अगर पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया हो तो भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। भद्रा काल के समाप्त होने के बाद ही राखी बांधनी चाहिए। आपको बता दें कि 30 अगस्त को भद्राकाल रात में 9 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा। इसके बाद ही राखी बांधने का शुभ मुहूर्त शुरू होगा। वहीं रक्षा बंधन के मौके पर राहुकाल 30 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से 1 बजकर 54 मिनट तक रहेगा और सुबह 10 बजकर 19 मिनट से पंचक शुरु होंगे।
क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त?
इस बार रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बहुत ही कम समय का है। 30 अगस्त को रात में 9 बजकर 2 मिनट पर भद्राकाल समाप्त होगा। वहीं, सावन की पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर खत्म होगी। इसलिए रात में भद्रा खत्म होने के बाद और 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से पहले राखी बांधी जा सकती है।
भद्राकाल में क्यों नहीं बांधनी चाहिए राखी?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का अंत हो गया और रावण के पूरे कुल का विनाश हो गया। इस वजह से ही भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती है और यही एक ये भी कारण है कि भद्राकाल में राखी नहीं बांधी जाती है।